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सामाजिक राजनीतिक संघर्षः एक अध्ययन

Author : हेमलता कुम्पावत

Abstract :

संघर्ष मानव के सामाजिक एवं राजनीतिक व्यवहार का आवश्यक गुण है। संघर्ष सनातन काल से चली आ रही वह प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अपने हितों का समाजीकरण एवं राजनीतिकीकरण करते हैं। अतः जब दो या दो से अधिक व्यक्तियों या समूहों के मध्य विरोध, टकराव अथवा मतभेद होते हैं तो उसे संघर्ष कहा जाता है। यह संघर्ष न केवल राष्ट्रों के विकास एवं स्थिरता को प्रभावित करते हैं वरन उस राष्ट्र की सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं सामाजिक संरचना को भी प्रभावित करते हैं। इन संघर्षों की उत्पत्ति का मुख्य कारण जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्रीय असमानता एवं आर्थिक विषमता के साथ आपसी हितों में टकराव है। अतः संघर्ष को समाप्त करने की अपेक्षा इसका शांतिपूर्ण समाधान आवश्यक है, जिसे संवाद, शिक्षा, संघर्ष, नियोजन एवं न्यायप्रणाली के सुदृढ़ीकरण से ही सम्भव है। इसके अतिरिक्त सभी नागरिकों एवं वर्गों के मध्य समानता, सहिष्णुता एवं सह-अस्तित्व की भावना को प्रज्जवलित करके इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।

Keywords :

संघर्ष, राजनीतिक तनाव, सामाजिक समरसता, समाजीकरण।