महिलाओ के आर्थिक सशक्तिकरण में स्व सहायता समूह के योगदान का अध्ययनः छत्तीसगढ़ राज्य के सूरजपुर जिले के विशेष सन्दर्भ में
Author : डॉ. रवींद्र नाथ शर्मा’ और कंचन जायसवाल
Abstract :
स्व सहायता समूह ने गरीब महिलाओं के जीवन में आर्थिक व सामाजिक बदलाव लाया है। स्व सहायता समूह से जुड़े सदस्यों की एक समान परिस्थितियाँ होती है। समूह के माध्यम से सभी सदस्य बचत करना प्रारंभ करना करता है और इन्हीं बचत को बैंक के माध्यम से ऋण के रूप में लेकर एक-दूसरे की मदद करती है स्व सहायता समूह ने केवल गरीब महिलाओं के जीवन में परिवर्तन किया साथ ही महिलाओं में आत्मनिर्भरता की भावना जागृत हुआ है। वर्तमान में महिलाएं आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक रूप से सशक्त होकर, जीवन के हर एक क्षेत्र में अपना व्यक्तित्व का विकास कर सशक्त हो रही है। स्व सहायता समूह (SHG) महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास का एक सशक्त माध्यम बन चुके हैं। ये समूह आमतौर पर 10-20 महिलाओं का एक समूह होता है, जो स्वयं-सहायता, आपसी सहयोग, बचत और ऋण की सुविधा के आधार पर कार्य करता है। SHG का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में सशक्त बनाना है। स्व सहायता समूह महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का एक प्रभावी माध्यम हैं। इनके माध्यम से महिलाएँ न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं बल्कि समाज में बदलाव की वाहक भी बन रही हैं। यदि उन्हें उचित मार्गदर्शन, संसाधन और अवसर दिए जाएँ, तो SHG एक क्रांति का रूप ले सकता है। प्रस्तुत शोध पत्र में महिलाओं के सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण में स्वसहायता समूह के योगदान पर विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
Keywords :
महिलाओं में आत्मनिर्भरता, सशक्त, व्यक्तित्व का विकास।