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आत्मकथात्मक विषयों की अभिव्यक्ति करता ट्रेसी एमिन का साहसी कलाकर्म

Author : डॉ. कृष्णा महावर

Abstract :

1990 की कला दुनिया में जब नवीन कला दीर्घाएँ, कलाकार, संग्राहक, कला पत्रिकाऐं तथा कला दर्शक सभी कलाकर्म में व्यस्त थे। ऐसे समय में ट्रेसी एमिन ने एक कलाकार, सेलिब्रिटी और मीडिया स्टार के रूप में स्थान बना लिया था। ऐमिन के कार्यों एवं चित्रण का केन्द्रिय बिन्दु एक ही था- आत्मकथात्मक सच्चाई। यह स्वचित्रण आधुनिक कलाकारों की तरह पोर्टेªट बनाना नहीं था, बल्कि पूरी तरह अभिव्यंजनावादी रेखाचित्रों और नवीन माध्यमों में था। उनके कार्यों में भावनात्मक पागलपन वाला तत्व था और यही गुण उनकी कला की प्रमुख विषेषता बनीं। अपने आत्मकथात्मक सच्चाईयों के साथ उन्होंने दृश्यात्मक व साहित्यिक पहलुओं को मिश्रित कर दिया। उन्होंने समाज को एक प्रभावकारी यन्त्र प्रदान किया। उन्होंने बहुत से असाधारण मीडियम में कार्य किया तथा अतिवादिता के साथ अपने जीवन को शब्दों में, रेखाओं में, वस्तुओं में, निओन लाइट द्वारा और स्वयं अपने शरीर के द्वारा अभिव्यक्ति दी। ट्रेसी एमिन आज के समय की प्रमुख आत्मकथावादी कलाकार हैं। ट्रेसी एमिन का कलाकर्म उनके परेशान व पीड़ा दायक जीवन के इर्द-गिर्द घूमता है। 
यह शोध पत्र लिखने का मेरा उद्देश्य यही है कि जिस प्रकार आधुनिक काल की आत्मकथात्मक चित्रकार फ्रिडा काहलो किसी परिचय की मोहताज नहीं है, उसी प्रकार उत्तर आधुनिक समय की कलाकार ट्रेसी एमीन ऐसी महिला कलाकार है, जो मात्र चित्र ही नहीं बल्कि गैरपारंपरिक तरीकों द्वारा अपनी आत्मकथा दर्शाती है। प्रस्तुत शोध पत्र में ट्रेसी एमिन के ऐसे कुछ विशेष व साहसी कलाकर्मों की व्याख्या करते हुए उनके पीड़ा दायक जीवन पर समीक्षात्मक प्रकाश डालने की कोशिश की गई है।

Keywords :

आत्मकथा, ट्रेसी एमिन, मोनोप्रिंट, उत्तर आधुनिक कलाकार, माई बैड, कला, नारीवादी, जीवन, पीड़ा, इंस्टॉलेशन, रेखाचित्र।