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हरिशंकर परसाई की रचना ‘जैसे उनके दिन फिरे’ कहानी संग्रह–पुस्तक परीक्षण

Author : डॉ. गीता संतोष यादव और अनुष्का प्रदीप पाचंगे

Abstract :

“जैसे उनके दिन फिरे” हरिशंकर परसाई की व्यंग्य कनियों का संग्रह हैं I इसमें कुल उन्नीस कहानियाँ समाहित हैं I हरिशंकर परसाई हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध व्यंग्यकार थे, जिनकी रचनाओं ने समाज की विसंगतियों, राजनीतिक भ्रष्टाचार और मानवीय दुर्बलताओं पर करारी चोट की है। जैसे उनके दिन फिरे हिन्दी साहित्य की अमूल्य निधि है I

Keywords :

जैसे उनके दिन फिरे, हरिशंकर परसाई, पाठक जी, व्यंग्यात्मकता, विडम्बना, सामाजिकता, हास्य-व्यंग्यात्मकता आदि I