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सरगरा समाज के व्रत सम्बन्धी लोकगीतों का परिचय

Author : भारती पंवार

Abstract :

वैज्ञानिक दृष्टि से देखे तो विज्ञान भी इस तथ्य को स्वीकार करता है कि मनुष्य को सप्ताह में एक दिन निराहार रहकर अपने शरीर के पाचन तंत्र को बेहतर बनाना चाहिए और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना चाहिए। ऐसे में हम सनातन काल से व्रत व उपवास की इस परम्परा को मिथ्या नही कह सकते है, ये हमारे शरीर एवं मन दोनो के लिए हितकारी है इसी परम्परा को सरगरा समाज के लोग निर्वहन करते हुए आ रहे है, अतः हर काल खण्ड में व्रतों व उपवास का जीवन लोक जीवन से जुडा होना वास्तव में देखा जाए तो उस संस्कृति में इसकी महत्ती आवश्यकता बन गई है।

Keywords :

सतगुरू वामन अवतार, पावड़ा-तीन पैर, अदमण, ठाकुर पावणा।