प्राचीन भारत में जाति की उत्पत्ति का अवलोकन
Author : डॉ. अनिल कुमार यादव
Abstract :
समाज के संचालन के लिए जाति व्यवस्था का निर्धारण किया गया है। समाज के उच्च आदर्शो को स्थापित करने के लिए रामायण और महाभारत का सहारा लिया जाता है, राम और कृष्ण के द्वारा तथा जाति के स्वरूप को कर्म के आधार पर बताना चाहते हैं, क्योंकि समाज में जो जातीगत भेदभाव विद्यमान थे उसे कर्ण समाज से समाप्त करना चाहता था, इसलिए निरंतर समाज में परिवर्तन की बात करता है, कि समाज का स्वरूप सरल होना चाहिए इसलिए वर्तमान में समाज के स्वरूप के लिए जाति की उत्पत्ति पर विचार किया जा रहा है कि समाज में जाति की अवधारणा कहांँ से आई जिसमें समाज जटिल होता जा रहा है।
Keywords :
जाति, वर्ग,वर्ण, व्यवसाय, समाज।