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भारत में कैशलेस अर्थव्यवस्था: अवसर एवं चुनौतियाँ

Author : Sarita Singh

Abstract :

भारत में कैशलेस लेनदेन भौतिक नकदी के उपयोग को कम करके कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने का एक प्रयास है। कैशलेस लेनदेन बैंकिग प्रणाली में एक नवाचार के रूप में प्रचलन में लाया गया था।अध्ययन का मुख्य उद्देश्य डिजिटल मुद्रा के उपयोग में भारत की वर्तमान स्थिति को प्रस्तुत करना और उन चुनौतियों और अवसरों का पता लगाना है जो भारत में कैशलेस लेनदेन से जुड़ी हैं। विमुद्रीकरण की घोषणा (2016) भारत में कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जाता है। शोध अध्ययन में कैशलेस लेनदेन के विभिन्न माध्यमों का वर्णन किया गया है। अध्ययन से पता चलता है कि कैशलेस अर्थव्यवस्था से काले धन, जाली नोटों पर अंकुश लगाने, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, नकदी संबंधी डकैती को कम करने और हमारे देश के आर्थिक विकास में सुधार करने में मदद मिलेगी। प्रमुख चुनौतियाँ जो नीति के कार्यान्वयन में बाधा बन सकती हैं, वे हैं डिजिटल निरक्षरता, इंटरनेट कनेक्टिविटी की अपर्याप्त ग्रामीण पैठ, अपर्याप्त बैंकिंग बुनियादी ढांचा, ग्रामीण ग्राहकों के बीच जागरूकता की कमी, असंगठित स्वदेशी बाजारसाइबर धोखाधड़ी, डिजिटल भुगतान प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता की कमी है। अध्ययन में सुझाव दिये गये हैं कि अधिक से अधिक लोगों को डिजिटल भुगतान विधियों का उपयोग करना शुरू करना चाहिए जो कि कैशलेस अर्थव्यवस्था या कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को स्थापित करेगा।

Keywords :

कैशलेस लेनदेन, काला धन, आर्थिक विकास, डिजिटल भुगतान, कैशलेस अर्थव्यवस्था।