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डिजिटल (अंकीय) विभाजन की चुनौतियां

Author : Rekha Kumari

Abstract :

21वीं सदी महान परिवर्तनों की धूरी है जिसमें अनेक यंत्र और नवाचारों का विकास हुआ है।आधुनिकता के इस दौर में लोगों की निर्भरता इंटरनेट पर होती जा रही है।अतः वर्तमान समय को डिजिटल क्रांति का दौर कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होग।इंटरनेट ने ना केवल शिक्षा का वैश्वीकरण किया है वरन सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों को भी प्रभावित किया है। वास्तव में सूचना एवं प्रौद्योगिकी आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। आईसीटी के उपयोग ने चीज़ों को सरल और आसान बना दिया है।आधुनिकता के इस दौर में भारत को अन्य देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने हेतु डिजिटल रूप से मजबूत होना जरूरी है। वर्तमान समय में एक शब्द प्रचलित है डिजिटल डिवाइड जिसका अर्थ है, ऐसे लोगों के बीच का अंतर है जो आईसीटी के उपयोग में निपुण है तथा जो तकनीकी रूप से पिछड़े हुए हैं। डिजिटल डिवाइड को दूर करने के प्रयास के रूप में भारत सरकार द्वारा "डिजिटल भारत" अभियान चलाया जा रहा है।इस अभियान की सफलता के लिए व्यापक रूप से लोगों को आईसीटी का प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। जैसा कि हम जानते हैं भारत की 67% आबादी गांव में रहती है जिनको डिजिटल मजबूती प्रदान किए बिना डिजिटल डिवाइड को दूर करना संभव नहीं है। अतः हमारे सामने डिजिटल डिवाइड को दूर करने के रास्ते में कई चुनौतियां हैं। इस पेपर में डिजिटल डिवाइड, इसके कारण, दूर करने के उपाय एवं भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।

Keywords :

डिजिटल डिवाइड, डिजिटल भारत, सूचना एवं संप्रेषण तकनीक