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पंच कन्या: प्राचीन पात्रों में नारी चेतना और सशक्तिकरण का अद्वितीय संदेश

Author : संघमित्रा राएगुरु और डॉ. संजय कुमार

Abstract :

पंच कन्याएँ-अहिल्या, द्रौपदी, कुंती, तारा और मंदोदरी-हिंदू धर्मग्रंथों की प्रमुख नारियाँ हैं, जो अपने-अपने जीवन में साहस, त्याग और धैर्य का प्रतीक मानी जाती हैं। ये महिलाएँ पितृसत्तात्मक समाज में चुनौतियों का सामना करती हुई अपने अद्वितीय गुणों से प्रेरणा देती हैं। अहिल्या तपस्विनी हैं जो शाप से मुक्ति प्राप्त करती हैं, द्रौपदी अपमान का प्रतिशोध और साहस की मिसाल बनती हैं। कुंती विपरीत परिस्थितियों में भी धर्म निभाती हैं, तारा विवेकशीलता और संयम से परिवार का संरक्षण करती हैं, और मंदोदरी विवेक, प्रेम और सत्यनिष्ठा की मिसाल हैं। पंच कन्याओं का स्मरण यह शिक्षा देता है कि जीवन में कितनी ही कठिनाइयाँ क्यों न हों, नारी को अपनी शक्ति और आत्म-सम्मान बनाए रखना चाहिए। उनके चरित्रों से समाज में स्त्री-शक्ति, धैर्य, और अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता की प्रेरणा मिलती है।

Keywords :

साहस, त्याग, धैर्य, आत्म-सम्मान, स्त्री-शक्ति।