कौटिल्य का अर्थशास्त्रः राज्य-कला के सिद्धान्त और समकालीन प्रासंगिकता
Author : रामानन्द कुलदीप और नवोदित कुलदीप
Abstract :
यह शोध आलेख कौटिल्य के अर्थशास्त्र का गहन विश्लेषण करता है, जो राज्य-कला एवं इसके मूलभूत सिद्धान्तों की पड़ताल करता है और समकालीन सम्बन्धों में उनकी स्थायी प्रासंगिकता का आंकलन करता है। इस लेख में एक व्यापक साहित्य-समीक्षा और कौटिल्य के ‘अर्थशास्त्र’ से सम्बन्धित प्राथमिक व द्वितीयक विद्वतापूर्ण स्रोतों के आलोचनात्मक विश्लेषण का उपयोग किया गया है। इसमें प्रमुख निष्कर्ष राजधर्म, दंडनीति, प्रजा-कल्याण और मंडल सिद्धान्त जैसी कौटिल्यवादी अवधारणाओं की अन्तर्सम्बन्धित और व्यावहारिक प्रकृति पर जोर देते हैं। कौटिल्य द्वारा प्रस्तुत कालातीत रणनीतिक और प्रशासनिक दूरदृष्टि जो ऐतिहासिक सन्दर्भ और आलोचनाओं के बावजूद आज भी महत्त्वपूर्ण बनी हुई है।
Keywords :
राजधर्म, षडगुण नीति, योगक्षेम, सुशासन, दण्ड-नीति।