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बेलन एवं सोन घाटी में हुए अनुसंधान कार्यों का अवलोकन

Author : डॉ. विनोद यादव

Abstract :

भारत में प्रागैतिहासिक काल से सम्बंधित अनुसंधान कार्य व्यवस्थित रूप से उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आरम्भ हुआ। इस सम्बन्ध में सबसे उल्लेखनीय तथा पुरोगामी कार्य राबर्ट बू्रस फूट का था। ये भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग में भू-तत्ववेत्ता थे। इन्होंने तमिलनाडु में पल्लवरम् नामक स्थान के लैटेराइट ग्रैवेल से पहला वास्तविक पूर्ण पाषाण कालीन उपकरण 13 मई सन् 1863 ई0 को खोजा था। इस प्रकार बू्रस फूट ने भारत में न केवल प्रस्तर युगीन उपकरणों के संकलन का ही श्री गणेश किया, अपितु प्रागितिहास के अध्ययन की दिशा में प्रथम ठोस चरण उठाया। इसके पूर्व भारत में इन उपकरणों की ओर किसी का भी ध्यान आकर्षित नहीं हुआ था। इसीलिए बू्रस फूट को ही प्रायः ‘भारतीय प्रागितिहास का जनक’ कहा जाता है।

Keywords :

बेलन घाटी, सोन घाटी, सिहावल, खुण्टेली, पटपरा, बघोर, खेतौंही।