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स्वतंत्रता आंदोलन में राजस्थान की जनजातियों के योगदान का विश्लेषणात्मक अध्ययन

Author : डॉ. राजेश कुमार मीणा

Abstract :

राजस्थान में जनजाति आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें राजस्थान की विभिन्न जनजातियों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया था। यह आंदोलन 19वीं शताब्दी के मध्य से शुरू हुआ और 20वीं शताब्दी के प्रारंभ तक जारी रहा। भारत देश के विभिन्न भागों में स्वाधीनता से पूर्व जहां सीधा शासन राजाओं का था, वहां स्वतंत्रता आंदोलन की जगह सुधार आंदोलन हुए। अंग्रेजों के द्वारा बनाए कानूनों को राजा यथावत अथवा थोड़ा बहुत बदलकर कठोरता से लागू करते थे। राजस्थान की वीरभूमि पर इनके विरोध में ऐसे ही कई बड़े आंदोलन हुए। ऐसा ही एक बड़ा आंदोलन ‘जरायम पेशा एक्ट हटाओ आंदोलन’ हुआ। जिसका प्रमुख केन्द्र राजस्थान का ढूंढाड़ व शेखावाटी क्षेत्र था। इस आंदोलन के प्रमुख नेतृत्वकर्ता थे जनजाति समाज के लक्ष्मीनारायण झरवाल, बद्रीप्रसाद दुखिया, भैरोलालकाला बादल, कैप्टन छुट्टन लाल, भगवताराम इत्यादि। यह शोध पत्र राजस्थान में स्वतंत्रता आंदोलन के समय जनजातियों की भूमिका का विश्लेषणात्मक अध्ययन प्रस्तुत करता है।

Keywords :

जनजाति, आंदोलन, स्वतंत्रता आंदोलन, ब्रिटिश शासन, सुधार आंदोलन।