महिला उत्थान और संवैधानिक उपचार
Author : डॉ. विनिता गौतम
Abstract :
आजादी के 74 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी महिलायें अपने को प्राप्त कानूनी अधिकार से अनजान है, महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को रोकने के लिए बनाए गए कानून एवं अधिनियम की विवेचना से स्पष्ट होता है कि महिलाओं के उत्थान हेतु अनेक कानून बनाये गये है, परन्तु शिक्षा के अभाव में कानून की सही जानकारी उनको नहीं मिल पाती कि उनको संविधान के तहत कौन-कौन से अधिकार प्राप्त है, प्राचीन युग में वर्तमान युग तक नारी की संघर्ष की कहानी बहुत लंबी है। हजारों वर्षों से पराधीनता में एकमात्र नारी ही रही है।
वर्तमान शताब्दी में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में असाधारण वृध्दि हुई है जिसका स्पष्ट प्रभाव समाज पर दीखता है, समाज और अपराध एक दुसरे के पुरक है क्योकि अपराध की उत्पत्ति समाज से ही होता है और उसका उपचार भी समाज द्वारा बनाए गये नियमों से ही होता है, आदिकाल में अपराधीक घटनाएं कम होते थे, परन्तु वर्तमान में महिलाओं के प्रति अपराध में बढोतरी हुई है इसका कारण संसाधन एवं आवाश्यकताओं की पूर्ती है, भारतीय संविधान में महिलाओं को बहुत से संवैधानिक एवं विधिक अधिकार प्रदान किये गये है।
Keywords :
परिवर्तन, अधिकार, अनुच्छेद, कार्यस्थल, ऐतिहासिक, अत्याचार, रूढीवादी, शोषण, संविधान, सम्मेलन, बढोतरी, मानसिक।