दुष्कर्म का महिलाओं के स्वास्थय, आर्थिक स्थिति पर प्रभाव का हनुमानगढ़ जिले के विशेष संदर्भ में एक समाजशास्त्रीय अध्ययन
Author : प्रेरणा दाहुजा और डाॅ. सतीश कुमार
Abstract :
दुष्कर्म एक गंभीर समस्या है और भारत में यह समस्या दिन प्रतिदिन अपने चरम पर पहुंचती जा रही है। जबकि पहले की अपेक्षा बेहतर तकनीक से लेस पुलिस बल, फास्ट ट्रेक न्यायालय की सुविधा, पहले की अपेक्षा अधिक सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थान उपलब्ध हैं। उसके बावजूद न तो दुष्कर्म की घटनाओं में कमी आ रही है और न ही दुष्कर्म पीड़िता की स्थिति सुधर रही है। यहां यह गौर करना जरूरी है कि मात्र कानून के कठोर करने अथवा उन्नत तकनीक विकसित करके इस समस्या का हल नहीं निकाला जा सकता है। इन अपराधों को रोकने के लिए कुछ अन्य कारकों पर कार्य करने की आवश्यकता है, जैसे संरचनात्मक ढांचे में परिवर्तन करके सामाजिक मूल्यों, पितृसत्तात्मक ढांचे, एवं सांस्कृतिक व्यवहारों एवं मूल्यों में परिवर्तन करके दुष्कर्म की घटनाओं की तीव्रता को कम किया जा सकता है। साथ ही दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं के प्रति नकारात्मक अभिवृत्ति को बदला जा सकता है। दुष्कर्म की घटनाओं को पूर्णतया रोकना संभव नही है। परन्तु समाज की पीड़िता के प्रति नकारात्मक अभिवृत्ति को बदल कर पीड़िता के जीवन को सरल अवश्य बनाया जा सकता है। जब नकारात्मक अभिवृत्ति पीड़िता के बजाए दुष्कर्मी के प्रति हो जाएगी तो दुष्कर्म संस्कृति भी समाप्त हो जाएगी, साथ ही दुष्कर्म मिथकों की स्वीकार्यता भी कम हो सकती है और इसका प्रभाव दुष्कर्म की दर पर आवश्यक रूप से दृश्यमान हो सकता है।
Keywords :
दुष्कर्म, पीड़िता, मानहानि