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जनसंघर्ष एवं जलसंघर्ष की कथा: नागार्जुन कृत ‘वरुण के बेटे’

Author : अनुष्का प्रदीप पचांगे

Abstract :

“वरुण के बेटे” उपन्यास वैद्यनाथ मिश्र उर्फ नागार्जुन कृत एक आंचलिक उपन्यास है I आलोच्य उपन्यास में नागार्जुन जी ने मछुआरों की कठिन जिन्दगी का दस्तावेज प्रस्तुत किया है I यह जिन्दगी जो गरीबी और आभावों के बीच भी अपनी जिजीविषा को जीवंत रखती है I नारी पात्र मधुरी के माध्यम से नारी अस्मिता को भी उकेरने का सफल प्रयास किया है I

Keywords :

नागार्जुन, मछुआरा, मधुरी, वरुण के बेटे, बस्ती खुरखुन, गरीबी, परिवेश आदि I