प्राचीन भारत में जाति-प्रथा के विकास का अवलोकन
Author : डॉ. अनिल कुमार यादव
Abstract :
प्रस्तुत अध्ययन का मुख्य उद्देश्य प्राचीन भारतीय समाज में जाति के विकास का अध्ययन करना है और समाज में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शुद्र में असमानता दिखाई पड़ती है, किस तरह निम्न वर्ग का जीवन कठिनता से व्यतीत हो रहा था | उनके साथ विभिन्न प्रकार के भेदभाव किया जाता था इसलिए वह समाज में अपना स्थान नही बना पा रहे थे अब इस अध्ययन के माध्यम से परास्नातक व शोध छात्रों को जाति के विकास में आने वाली समस्या से परिचित करना है तथा जातिगत आधार पर आपस में बटेंगे भी नही I
Keywords :
जाति, अनुलोम, प्रतिलोम, वर्णसंकर, विवाह आदि I