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हिंदी कविता में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय चेतना

Author : सुरेंद्र सिंह

Abstract :

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिंदी कविता ने राष्ट्रीय चेतना के प्रसार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वतंत्रता संग्राम के समय के कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से देशभक्ति, साहस, बलिदान और क्रांति की भावना को जन-जन तक पहुँचाया। उनकी कविताएँ न केवल प्रेरणास्रोत बनीं, बल्कि उन्होंने समाज में एकजुटता और जागरूकता का संचार किया।
इस शोध का मुख्य उद्देश्य हिंदी कविता में अभिव्यक्त राष्ट्रीय चेतना का अध्ययन करना है, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख कवियों का योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय है। सुभद्रा कुमारी चौहान की "झांसी की रानी", मैथिलीशरण गुप्त की "भारत-भारती", और रामधारी सिंह दिनकर की कविताओं ने भारतीय समाज में स्वतंत्रता की इच्छा को प्रबल किया। इन कविताओं में बलिदान और संघर्ष की भावना, अन्याय के खिलाफ विद्रोह का आह्वान, और देशभक्ति का गहन आभास मिलता है, जिसने समाज को स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
शोध के निष्कर्ष में यह पाया गया कि हिंदी कविता ने स्वतंत्रता संग्राम में न केवल भावनात्मक समर्थन प्रदान किया, बल्कि देशवासियों के भीतर स्वतंत्रता के प्रति प्रेम, एकता, और त्याग की भावना को जागृत किया।

Keywords :

हिंदी कविता, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्रीय चेतना, बलिदान और संघर्ष आदि I