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सामान्य और सहशिक्षा नामांकन में महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति श्री गंगानगर जिले के छात्रों के दृष्टिकोण का अध्ययन

Author : डॉ. परविन्द्रजीत सिंह

Abstract :

मानव एक विवेकशील प्राणी है। अपनी क्रियाओं द्वारा नवीन ज्ञान प्राप्त करना ही उसका उद्देश्य होता है। उसका ज्ञान उचित है या नहीं इसके लिए वो अपने प्रयासों से छानबीन, खोज एवं शोधकार्य करके अपने ज्ञान की पुष्टि करता है। प्रत्येक शोधकार्य का कुछ न कुछ उद्देश्य होता है। उद्देश्यों को निर्धारित किये बिना किया गया कार्य कभी भी पूर्ण नहीं हो सकता। यह उसी प्रकार होता है जिस प्रकार एक दीवार। अतः जिस उद्देश्य को ध्यान में रखा जाता, उसी के आधार पर दत्तों का संकलन करके विश्लेषण किया जाता है और निष्कर्ष प्राप्त किये जाते हैं। परन्तु अनुसंधान का कार्य यहीं समाप्त नहीं हो जाता। केवल तथ्यों का विश्लेषण करने से शोधकर्ता अपने अनुंसधान से सम्बन्धित परिकल्पनाओं का मूल्यांकन नहीं कर सकता। अतः परिकल्पनाओं का मूल्यांकन करने के बाद ही वह किसी निष्कर्ष पर पहुँच सकता है। एक अच्छा शोधकर्ता वही है, जो अपने अध्ययन के निर्धारित उद्देश्यों का मूल्यांकन प्रस्तुत करे। प्रत्येक शोध के भावी शोधों के लिए कुछ सुझाव दिये जाने चाहिए। यहां दिये गये सुझावों से तात्पर्य है कि भविष्य में कोई इस सम्बन्ध में शोध करना चाहे तो उसका मार्गदर्शन हो सके।
महिला सशक्तिकरण के सन्दर्भ में किये गये आज तक के अध्ययनों का अवलोकन करने से यह तथ्य स्पष्ट होता है कि एक या दो अलग-अलग नोवैज्ञानिक चरों को लेकर इस समस्या पर अध्ययन किया गया है। परन्तु इस चर के साथ सामान्य विद्यालय एवं सह-शिक्षा विद्यालयों को लेकर इस समस्या पर अध्ययन अभी प्रकाश में नहीं आया है। यह पक्ष अभी अछूता रह गया जो महिलाओं की सक्रिय वृद्धि में सहायक होगौ।

Keywords :

महिला सशक्तिकरण, सामान्य एवं सह-शिक्षा विद्यालय।