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ओडिशा की स्वतंत्रता के संरक्षकः शहीद जय कृष्ण राजपुरोहित

Author : डॉ लता अग्रवाल और इतिराज शर्मा

Abstract :

जून 1757 ई-के प्लासी युग के बाद ब्रिटिश ईस्ट इ.िडया कम्पनी ने भारत के बंगाल और मद्रास को अधिग्रहित कर अपनी सर्वोच्च संप्रभुता को मूर्त रूप प्रदान करने और राजस्व वसूली व व्यापार पर एकाधिकार स्थापित कर सुदृढ़ीकरण कर प्रत्यक्ष नियंत्रण स्थापित करने के प्रयास प्रारम्भ कर दिये। बरार के मराठा सरदार रघुजी भैासलें द्वितीय और ईस्ट इंडिया कम्पनी के मध्य 17 दिसम्बर, 1803 ई. को हुई देवगढ़ की संधि में ओडिशा का क्षेत्र कंपनी को बिना किसी प्रयास के ही विरासत में प्राप्त हो गया। कम्पनी ने खुर्दा राज्य के दक्षिण के गंजाम क्षेत्र में एक किला बनाकर ब्रिटिश अधिकारी कर्नल हरकोर्ट ने सुखा व अकाल की स्थिति होते हुए भी अधिकाधिक जबरन राजस्व वसूली प्रारम्भ कर किसानों के मालिकाना हक व विशेषाधिकार अनिश्चित काल के लिए समाप्त कर दिए। खुर्दा के व्यापार पर नियंत्रण और अर्थव्यवस्था को संचालित करना प्रारम्भ कर दिया। साथ ही जिसका विरोध सर्वप्रथम खुर्दा राज्य के प्रशासनिक व राजस्व अधिकारी जय कृष्ण राजपुरोहित महापात्रा ने कंपनी की नीतियों का विरोध किया। 20 दिसम्बर, 1803 को कंपनी के ऐजेंट कर्नल जाॅजफ स्पैल ने खुर्दा नरेश मुकुन्द देव द्वितीय के पास कंपनी की संप्रभुता स्वीकारने व व्यापार के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने का संधि प्रस्ताव भेजा जिसे राजा ने संधि विग्रहक जय कृष्णराजपुरोहित महापात्रा के कहने पर अस्वीकार कर दिया। ओडीशा में औपनिवेश्कि शासन के विस्तार के लिये यह चुनौती बन गया। कंपनी ने राजा को जगन्नाथ मंदिर के पाम्परिक अधिकारो से वंचित कर देने के कारण अक्टूबर 1804 को कम्पनी व खुर्दा की पाइका सेना के मध्य जय कृष्ण राजगुरू ने गुप्त रणनीतियों के द्वारा पीपली स्थान पर युद्ध किया। 15 दिसम्बर के भीषण संग्राम के बाद 3 जनवरी 1805 को राजा व जय कृष्ण राजगुरू को बंदी बनाकर कटक से मिदनापुर जेल में भेज दिया गया। राजा को मुक्त कर दिया गया और जय कुष्ण राजगुरू को ब्रिटिश कंपनी के खिलाफ युद्ध करने का सरगना मानकर दोषी करार कर फांसी की सजा सुनाई गई और 6 दिसम्बर 1806 को बागिटोटा मिदनापुर में फांसी दे दी गई। ओडीशा के प्रथम सेनानी जय कुष्ण राजगुरू महापात्रा ने ब्रिटिश राज के बढ़ते अत्याचारी नीति के विरूद्ध लड़ते हुए शहादत प्राप्त की।

Keywords :

कंपनी, औपनविेश्कि शासन, ओडिशा, खुर्दा, मिदनापुर