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महात्मा गाँधी और राष्ट्रभाषा: हिन्दी बनाम हिन्दुस्तानी

Author : डॉ. महेन्द्र सिंह मीणा

Abstract :

राष्ट्रभाषा का सवाल भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रीयता से जुड़ा हुआ सवाल था। कांग्रेस का नेतृत्व करते हुए महात्मा गांधी ने इसे देश को एकता के सूत्र में बांधने और सद्भाव कायम करने का माध्यम बनाया। भारतीय राष्ट्रवाद के विकास में औपनिवेशिक दासता के सामुहिक प्रतिरोध की भावना प्रमुख थी, जिसे और ज्यादा घनीभूत करने के लिए भाषा संबंधी विवाद को सुलझाना और एक राष्ट्रभाषा की स्वीकार्यता का होना परम आवश्यक था। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अधिकांश नेता राष्ट्रवाद के पश्चिमी विचारों से प्रभावित थे, इसलिए उन्होंने राष्ट्रभाषा के सवाल को प्रमुखता से उठाया। महात्मा गांधी का नाम उनमें अग्रणी है | उनका मानना था कि-‘राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है।’

Keywords :

भाषा और राष्ट्रीयता, राष्ट्र भाषा हिंदी, हिंदी-उर्दू बनाम हिन्दुस्तानी