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वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शिक्षण की गुणवत्ता के प्रति शिक्षकों के दृष्टिकोण का अध्ययन

Author : डाॅ0 हरिकृष्ण

Abstract :

‘‘मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जो कि जिस समाज में रहता है उस समाज के कुछ नियम व सिद्धान्त होते हैं जिसके आधार पर व्यक्ति को उस समाज के नियम व सिद्धान्तों के साथ सामंजस्य स्थापित करना होता है इन सभी नियमों सिद्धान्तों के सामंजस्य स्थापित करने का दायित्व वहां की एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था पर जाता है जहाँ की जैसी शिक्षा व्यवस्था होगी वहाँ की वैसी ही समाज की सामाजिकता का विकास होगा, शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु वहां के शिक्षण की व्यवस्था कैसी है जिसके आधार पर शिक्षा की व्यवस्था होती है।
अब प्रश्न यह है कि शिक्षण के सुधार हेतु वहां की शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाया जाये तथा शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु शिक्षकों के प्रशिक्षण में नवीन तरीकों को अपनाया जाना चाहिये जिससे कि शिक्षकों में सुधार आये और शिक्षण में सुधार हो जो कि अति आवश्यक है और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उसे समझना है। इस सन्दर्भ में वर्तमान शिक्षण गुणवत्ता में प्रति शिक्षकों के दृष्टिकोण के बारे में क्या राय है, इसके बारे में क्या विचार रखते हैं इस सम्बन्ध में अध्ययन किया।

Keywords :

सामंजस्य, प्रशिक्षण, अभिरूचियों, वैयक्तिक भिन्नता, गुणवत्ता