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किशनगढ़ (अजमेर) की चित्रकला एवं सांस्कृतिक धरोहर का पर्यटन उधोग में महत्व

Author : हेमन्त धवल, डॉ. राम स्वरूप साहू, रतन लाल रणवां और जगदीश प्रसाद

Abstract :

किशनगढ़ की चित्रकला प्राचीन समय से लेकर वर्तमान युग तक कई परिवर्तन हुएI कला तकनीक, कला के विषय, शैलियों आदि को लेकर निरंतर परिवर्तन जारी है तथा आगे भी जारी रहेगाI किशनगढ़ की कला के विभिन्न स्वरूप में विकास होते हुए भी इनकी वर्तमान स्थिति दयनीय हैI सरकार को कला तथा कलाकारों को लेकर विचार करना चाहियेI कला के विभिन्न स्वरूप के विकास एवं उन्हें व्यापारिक उद्देश्य हेतु आवश्यक योजनाओ का संचालन करना चाहिये जिनसे बेरोजगारी की समस्या भी कुछ हद तक दूर की जा सकेI कला बाजार का निर्माण, कला दीर्घा, एवं ऑनलाइन मार्केट तैयार करना चाहियेI पर्यटन के आकर्षण के महत्व को बढाने हेतु आवश्यक है की सरकार द्वारा किशनगढ़ के आशा टेकरी मंदिर, गुन्दोलाव झील, फुल महल, पीतांबर की गाल व डंपिंग यार्ड को आकर्षक रूप से तैयार करने हेतु बजट पास किया जायेI इन सभी क्षेत्रो के पास कला बाजार या कला दीर्घा भी खोली जाये जिस से पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनेI फुल महल को पुनः सामान्य लोगो के लिए खोला जायेI इन जगहों मूवी शूटिंग के लिए एवं मनोरंजन के लिए पार्क खोले जायेI योग सेंटर, साइकिक सेंटर एवं संग्रहालय का विकास भी किया जाये जो दर्शको के आकर्षण का केंद्र बनेI

Keywords :

कला-संपदा, डिजिटल आर्ट, कन्दरा, कवित्त, सवैयों, साइकिक सेंटर, कला बाजार व कला दीर्घा आदि I