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उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों की कार्य संतुष्टि का अध्ययन

Author : अश्विनी कुमार और प्रो0 राजेश कुमार सिंह

Abstract :

सा विद्याा या विमुक्तेय अर्थात गुरु शंकराचार्य कहते है कि शिक्षा वह है जो मुक्ति दिलाये । इन बातों से स्पष्ट होता है कि शिक्षक सभी दुखों से पार कराने वाला होता है। शिक्षक न केवल व्यक्ति का अपितु राष्ट का निर्माता होता है, जिसकी महत्ता हमेशा बनी रहती है। वेल्स के अनुसार “शिक्षक इतिहास का निर्माता होता है। राष्ट का इतिहास विद्यालयों में लिखा जाता है और विद्यालय अपने शिक्षकों की गुणवत्ता से बहुत भिन्न नहीं हो सकते।“ इसी प्रकार की बातें कोठारी आयोग ने भी कहा है कि “राष्ट का निर्माण उसकी कक्षाओं में हो रहा है और राष्ट निर्माण का यह पावन कार्य शिक्षक कर रहे है।“ यद्यपि वर्तमान समय में शिक्षक के शिक्षकत्व के विषय में विचार करें तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शिक्षक एक वेतनभोगी वृत्ति समूह बन गया है। विचारणीय प्रश्न यह बनता जा रहा है कि आज के शिक्षकों की अपने व्यवसाय के प्रति कितनी संतुष्टि है अर्थात शिक्षक अपने शिक्षण के कार्य से कितना संतुष्ट है। इन्ही सब प्रश्नों का उत्तर ढुढने के प्रयास में यह शोध का विषय शोधकर्ता ने बनाया है। अध्ययननोपरान्त ज्ञात होता है कि वर्तमान में उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों की व्यावसायिक संतुष्टि औसत से अधिक है।

Keywords :

शिक्षक, शैक्षिक स्तर, कार्य संतुष्टि