बाल्मिकी जातियों में सफाई कर्मियों की कार्यप्रणाली के स्वरुप का सामाजिक अध्ययनः बावल नगरपालिका के संदर्भ में
Author : Deepak Kumar
Abstract :
अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाली बाल्मिकी जाति, जिसे हरियाणा, बाबल ब्लाक के ग्रामीण क्षेत्रों में जमादार, भंगी, मेहतर, चूहड़ा, आदि और शहरी क्षत्रों में भंगी और चूहड़ा, आदि जातिगत नामों से जाना, पहचाना जाता है। सर पर मैला ढोने, हाथ से मैला सफाई (मैनुअल स्केवेंजिंग), ओपन ड्रेन एवं सेप्टिक टैंकों की सफाई, रेलवे ट्रेकों पर बिखरे मल दृ मूत्र को साफ करना, सीवर की सफाई करना, विष्ठा (मल) उठाना, घरों, दफ्तरों, नालियों, सड़कों और अस्पतालों की गन्दगी की सफाई आदि बाल्मिकी जाति के सदस्य श्रम के रूप में करते रहे हैं जो कि पीढ़ी दर पीढ़ी परंपरागत रूप हस्तांतरित होते रहे हैं, किन्तु स्वतंत्रता के बाद लोकतंत्र में सबको समानता मिली और सबको बराबरी का काम करने का हक प्राप्त हुआ और सफाई का कार्य शहरों में नगरपालिकाओं द्वारा कराया जाता है, इसी संदर्भ में शोधार्थी ने बाबल नगर पालिका में कार्यरत सफाई कर्मचारियों पर एक अध्ययन करने का प्रयास किया है कि आजादी के 75 वर्ष बाद बाल्मिकी जाति के सदस्य सफाई कार्य से किस स्वरुप में जुड़े हुए हैं, इनके परिवारों, शैक्षिक स्तर, सरकारी सुविधाओं, कृषि भूमि पर अधिकार, जैसे मुद्दों के स्वरुप को समझने का प्रयास किया है। अध्ययन के लिए 40 सफाई कर्मचारीयों को उत्तरदातायों के रूप में चुना गया है।
Keywords :
बाल्मिकी जाति, व्यावसायिक पद विवरण, व्यावसायिक स्थिति विवरण, कृषि भूमि अधिग्रहण वितरण, शहरी और ग्रामीण पृष्ठभूमि आदि।