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पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में सड़क किनारे कि BTEX सांद्रता स्तर

Author : डॉ. अमित मसीह

Abstract :

वायु प्रदूषण की समस्या से हमारे पर्यावरण के साथ–साथ हमारे स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ रहा है और दूषित हवा में सांस लेने के कारण लोगों को गंभीर बीमारियाँ भी हो रही हैं। बेंजीन, टॉल्यूइन, एथिलबेनज़ीन और ज़ाइलीन (BTEX) मोनो-चक्र वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (VOCs) एक महत्वपूर्ण समूह के तत्व हैं जोकि आम तौर पर विभिन्न स्रोतों से उत्सर्जित हो रहे हैं। बीटीएक्स ट्रॉपोस्फियरिक रसायन विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और साथ ही मनुष्य को स्वास्थ्य संबंधी जोखिम पैदा करता है। अतः वायुमंडलीय BTEX की एक जांचक्रम संदूषण का स्तर पता लगाने के लिए एक वर्ष की अवधि के लिए गोरखपुर में एक सड़क किनारे के स्थल पर आयोजित किया गया। BTEX का विश्लेषण NIOSH 1501 तथा BIS 2006 विधि से किया गया। BTEX का नमूनाकरण, नारियल खोल के सक्रिय चारकोल् ट्यूब के माध्यम से, एक कम प्रवाह वाले विशेष पंप (एस. के. सी. मॉडल 220) से 250 ml/min के प्रवाह दर पर किया गया। नमूनों का निष्कर्षण, कार्बन डाईसलफाइड के माध्यम से किया गया और सुरभित अंश का विश्लेषण जीसी-एफआईडी के द्वारा किया गया। BTEX के सभी नमूनों की कुल औसत सांद्रता 24.93 µg/m3 और माध्यिका 20.41 µg/m3 पाई गई। T/B अनुपात 2.5 और 1.8 पाए गए जबकि X/E अनुपात थे 1.2 और 1.1 क्रमशः मोहददीपुर और असुरन चौक साइटों पर। बेंजीन और इसके यौगिकों को कार्सिनोजेनिक और उत्परिवर्तजन माना जाता है, इसलिए यह आशा की जाती है कि इस अध्ययन के परिणाम राष्ट्रीय डेटाबेस लिए एक आधारभूत संदर्भ प्रदान करेगा ।

Keywords :

बी.टी.ई.एक्स., सड़क किनारे, उच्च यातायात भीड़, चारकोल्-ट्यूब, तराई क्षेत्र