Download PDF

स्वतंत्रता सेनानी श्री कालीदास स्वामी एवं रचनात्मक कार्य

Author : धर्मराज, जयन्त निहार बायल और डॉ. कविता षर्मा

Abstract :

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम मे योगदान प्रदान करने वाले दलित व्यक्तियां में श्री कालीदास स्वामी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। इस शोध-पत्र का मुख्य उद्देश्य भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महागाथा में दलितों की उल्लेखनीय भूमिका को उजागर करना है। दलितों के योगदान को उपयुक्त स्थान मिलना चाहिए और समाज में अर्न्तविरोधों से उबरते हुए एक साझा लक्ष्य के लिए एकजुट होने को दर्शाता हैं। वास्तव में आज के दौर में उस जमाने से सीख ले सकते हैं और सभी सामाजिक तबकों को इसका शिक्षा देकर कि उनके पुरखों ने एकजुट होकर साझा शत्रु के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। इससे प्रेरणा लेकर सुदृढ़ राष्ट्र एवं समाज की विकासशील आयाम गढ़ी जा सकती है। स्वाधीनता आन्दोलन में दलितों के द्वारा सक्रिय रूप से स्वाधीनता आन्दोलन में भूमिका का निर्वहन किया है। जिसे इतिहास के अध्येयताओं को जानना जरूरी हैं। इस आन्दोलन में भारत के सभी वर्ग के लोगों के द्वारा जाति-पाति, धर्म, संप्रदाय, वर्ग आदि के भेदभाव को भुलाकर कंधें से कंधा मिलाकर दलितों ने भी इस स्वतंत्रता संग्राम में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया था। इनके योगदान को इतिहास के पृष्ठों पर अंकित करने हेतु यह शोध पत्र उल्लेखित है।

Keywords :

विकासशील, दलित, आन्दोलन, जागीरदार, दमनकारी